सुमेरियन महाकाव्य से लेकर सेल्टिक साहित्य में ‘आइलैंड्स ऑफ द ब्लेस्ट’ तक शांगरिला की कल्पना साहित्य के सभी निकायों एवं रचनाकारों के लिए सालों से एक आकर्षक विषय रहा है।

यह भी प्रचलित धारणा है, कि चीन ने भारत पर आक्रमण इस घाटी को ढूंढने और फिर उसपर अधिकार ज़माने के लिये किया था। परन्तु जब अंत में उसके हाथ कुछ भी नहीं लगा तो उसने युद्ध विराम की घोषणा कर दी।

अपने उपन्यास में हिल्टन एक ऐसी दुनिया के रूप में शंगरीला की कल्पना करते हैं, जहाँ लोग प्रकृति के साये में एक दुसरे के साथ पूर्ण सद्भाव से रहते हैं।

इस उपन्यास में  एक छुपी हुई घाटी की खोज की कहानी है, जहां लोग एक उदात्त स्वप्नलोक में रहते हैं।  इस उपन्यास की कहानी साहित्यिक दुनिया में एक किंवदंती बन गई है।

Lost Horizon

एक ऐसा स्थान जहां मनुष्य प्रकृति के साथ सद्भाव में रहते हैं, तथा इस ग्रह का ज्ञान भविष्य के लिए बचाया जाता है।

घाटी हरे-भरे पेड़ों एवं पहाड़ों से घिरी हुई है, तथा अंदर या बाहर जाने के लिए केवल एक ही रास्ता है। ऐसा  माना जाता है, कि इसने शांगरी-ला की घाटी के भौतिक विवरण के लिए हिल्टन को प्रेरित किया था।

ऐसी ही एक कथा के अनुसार बेलुखा पर्वत को शम्भाला का प्रवेश द्वार बताया गया है। कहा जाता है, यही से आप शम्भाला में प्रवेश कर सकते है।

शंगरीला के विषय में एक सबसे बड़ी बात यह है, कि वास्तव में कोई नहीं जानता कि ऐसी कोई जगह मौजूद है या नहीं।

यह शम्बाला की भूमि एक घाटी में स्थित है। जहाँ  केवल कमल की पंखुड़ियों की तरह बर्फ की चोटियों की एक अंगूठी के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।

शम्बाला की भविष्यवाणी में कहा गया है, कि इसके 32 राजाओं में से प्रत्येक 100 वर्ष तक शासन करेगा। जैसे-जैसे उनका शासन बीतता जाएगा बाहरी दुनिया में हालात बिगड़ते जाएंगे।

अंतत: आतंक के निरंकुश शासन में पृथ्वी पर अत्याचार करने के लिए एक दुष्ट अत्याचारी उभरेगा। जो सब तरफ अपने आतंक से हाहाकार मचाएगा।

लेकिन जब दुनिया पूरी तरह से पतन और विनाश के कगार पर लगती है, तो शंबाला के बर्फीले पहाड़ों से धुंद छटेगी और शांगरिला प्रकट होगा।