View about Realism | यथार्थवाद के मत
यह स्पष्ट ही है, कि यथार्थवाद (Realism), आदर्शवाद (Idealism) की तरह जड़ तत्त्व का अपलाप नहीं करता। चार्वाक जैसे कुछ यथार्थवादी दर्शन ऐसे तो मिल सकते हैं, जो स्वतंत्र चेतन तत्त्व न मानते हों। किन्तु ऐसा कोई भी…
यह स्पष्ट ही है, कि यथार्थवाद (Realism), आदर्शवाद (Idealism) की तरह जड़ तत्त्व का अपलाप नहीं करता। चार्वाक जैसे कुछ यथार्थवादी दर्शन ऐसे तो मिल सकते हैं, जो स्वतंत्र चेतन तत्त्व न मानते हों। किन्तु ऐसा कोई भी…
कुछ लोग यह समभते है, कि आदर्शवाद (Idealism) वह सिद्धान्त है, जो स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाले संसार को यथार्थ न समझ कर उसके मूल्यांकन या स्वरूप-निर्णय में कुछ कमी कर देता है। संसार का स्वरूप जैसा…
अँग्रेजी शब्द ‘फिलोसोफी’ ( Philosophy ) जो कि दर्शन का पर्यायवाची है, ग्रीक भाषा के दो शब्दों ‘फिलोस’ (Philos) और ‘सोफिया’ (Sofia) से मिल कर बना हैं। फिलोस का अर्थ होता है, प्रेम और सोफिया का अर्थ बुद्धि…
जिस प्रकार धर्म का स्वरूप का वर्णन कठिन है, उतना ही मुश्किल दर्शन ( Darshan ) के स्वरुप को समझाना है। साधारणतः आँखों को दृष्टि अथवा विज़न ( vision ) कहते है। जिसका प्रयोग हम इस जगत को…
विज्ञान ( vigyan ) के दो प्रयोजन होते हैं। एक ओर तो यह इच्छा रहती है, कि अपने क्षेत्र में जितना जाना जा सके उतना जान लिया जाय। दूसरी ओर यह प्रयत्न रहता है, कि जो कुछ जान…