kundalini door to unlock body secrets
यदि मूल रूप में देखा जाये तो कुण्डलिनी (kundalini ) ही समस्त अध्यात्म, तंत्र, मंत्र, यंत्र, योग और धर्म का केंद्र बिंदु है। हमारे शरीर का वह द्वार है, जहा से प्रवेश करने के उपरांत ही हमारे आध्यात्मिक…
यदि मूल रूप में देखा जाये तो कुण्डलिनी (kundalini ) ही समस्त अध्यात्म, तंत्र, मंत्र, यंत्र, योग और धर्म का केंद्र बिंदु है। हमारे शरीर का वह द्वार है, जहा से प्रवेश करने के उपरांत ही हमारे आध्यात्मिक…
श्री यंत्र ( Shri Yantra ) में सभी देवताओं की दिव्य अभिव्यक्ति और चमत्कारिक शक्ति समाहित होती है। इसे ब्रह्मांड के निर्माता भगवान ब्रह्मा द्वारा धरती पर लाया हुआ बताया जाता है। इसी तरह यह सभी देवी-देवताओं के दिव्य…
जिस प्रकार कोई विधुत परिपथ का नक़्शा ( सर्किट ) उसके प्रमुख अवयव एवं उससे जुड़े अन्य अवयवों की स्थिति और संबंध दर्शाता है। उसी प्रकार यंत्र ( Yantra ) भी जिस शक्ति को आह्वाहन करना चाहते है,…
विश्व की प्रत्येक सभ्यता में रत्नो का विशेष महत्त्व रहा है। सभी में नवरत्न (Navratna) को श्रेष्ठ और चमत्कारिक गुणों से युक्त माना गया है। प्रत्येक रत्न एक गृह विशेष और रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इनका प्रयोग…
मीन लग्न ( Meen Lagna ) मुक्ति या मोक्ष का प्रतीक होता है। इस लग्न में जन्मे व्यक्ति का स्वामी ग्रह बृहस्पति होता है। जो इनकी कुंडली में इनके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है । मंगल ग्रह…
कुम्भ लग्न ( Kumbh Lagna ) शनि और राहु दोनों ग्रहों द्वारा शासित होता है। गुरु के पीड़ित अवस्था में होने पर इस लग्न के जातक की कुंडली में गुरु हानिकारक फल प्रदान करता है। परन्तु कई बार…
मकर लग्न ( Makar Lagna ) का स्वामी या शासक शनि देव हैं। शनि के प्रभाव से इस लग्न के जातक अत्यंत व्यावहारिक जीवन के प्रबंधकीय और कार्यात्मक पहलुओं के अच्छे ज्ञाता होते हैं। शुक्र ग्रह इस लग्न…
धनु लग्न ( Dhanu Lagna ) में जन्मे जातक की कुंडली का स्वामी बृहस्पति होता है। इनके भाग्य के लिए सूर्य की उपस्तिथि लाभ पूर्ण योग बनाती है। बुध केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित अवस्था में इनकी कुंडली में अपनी…
वृश्चिक लग्न ( Vrishchik Lagna ) के स्वामी ग्रह मंगल और केतु होते है। वहीं गुरु इनकी कुंडली में दूसरे और पांचवे घर का स्वामित्व रखते हुए इनको शुभ फल प्रदान करता है। गुरु इनको बहुत अभेद्य सुरक्षा…
तुला लग्न ( Tula Lagna ) के लोग अपनी लग्न राशि के अर्थ ( तराज़ू ) के अनुसार ही सामंजस्य और बराबरी बना कर चलने वाले होते है। इस लग्न का तत्व वायु होता है, जो कभी-कभी अपना…