Tatv gyan se divya drishti swara yoga
स्वर-योग तत्व ज्ञान से दिव्य दृष्टि ( Tatv gyan se divya drishti ) संबंधी जो ग्रंथ उपलब्ध होते हैं, उनमें प्रश्नोत्तर या भविष्य कथन के संबंध में भी कुछ उल्लेख मिलता है। जिस मनुष्य को स्वर, ज्ञान है,…
स्वर-योग तत्व ज्ञान से दिव्य दृष्टि ( Tatv gyan se divya drishti ) संबंधी जो ग्रंथ उपलब्ध होते हैं, उनमें प्रश्नोत्तर या भविष्य कथन के संबंध में भी कुछ उल्लेख मिलता है। जिस मनुष्य को स्वर, ज्ञान है,…
साधारणत: स्त्री के रजस्वला होने के चौथे दिन से लेकर सोलहवें दिन तक गर्भाधान स्वर योग से मनचाही संतान के लिए उत्तम समझा जाता है। इसमें उत्तरोत्तर दिन ठीक हैं। प्रथम तीन रातें, अष्टम, एकादशी, त्रयोदशी, अमावस्या और…
शरीर में टूटन के साथ दर्द प्रारम्भ होता है, जिससे हमे बुखार आने का अनुमान हो जाता है। जिस प्रकार छीको का आना जुकाम होने का परिचायक होता है। ऐसे लक्षणों के प्रगट होने पर रोग विशेष के…
स्वर विज्ञान (Swara shastra vigyan) के अनुसार स्वरोदय नाक के छिद्र से ग्रहण किया जाने वाला श्वास है। जो वायु के रूप में होता है। श्वास ही जीव का प्राण है, और इसी श्वास को स्वर कहा जाता…
योग के आठों अंगों का अपना विशिष्ट महत्त्व है, और वे साधक को अपने से अगले अंग के सुयोग्य बनाते हैं। यम और नियम तो भूमिकात्मक अंग हैं, किन्तु शेष छ: अंग तो योग से प्रत्यक्ष और अविभिन्न…
आसनों से रोग नष्ट होते हैं, तथा शारीरिक सामर्थ्य उत्पन्न होती है। प्राणायाम से समस्त पाप नष्ट होते हैं। शरीर का शोधन होता है। प्रत्याहार से मन के विकार नष्ट होते एवं पात्रता उत्पन्न होती है। धारणा (dharna)…
योग में सभी के लिए प्राणायाम ( Pranayama ) ही सबसे अधिक कौतुहल का विषय होता है, और हो भी क्यों न सभी योगिक क्रियाओ में इसका एक विशेष स्थान है। प्राणायाम के नित्य अभ्यास को पाप रूपी…
योग ( yoga ) क्या है ? मन की वृत्तियों पर काबू पाना ही योग है। योग केवल आसन ही नहीं, आहार, व्यव्हार, अचार विचार के तालमेल से जीवन को सुन्दर बनाने का नाम ही योग है। वर्तमान…
यदि मूल रूप में देखा जाये तो कुण्डलिनी (kundalini ) ही समस्त अध्यात्म, तंत्र, मंत्र, यंत्र, योग और धर्म का केंद्र बिंदु है। हमारे शरीर का वह द्वार है, जहा से प्रवेश करने के उपरांत ही हमारे आध्यात्मिक…
श्री यंत्र ( Shri Yantra ) में सभी देवताओं की दिव्य अभिव्यक्ति और चमत्कारिक शक्ति समाहित होती है। इसे ब्रह्मांड के निर्माता भगवान ब्रह्मा द्वारा धरती पर लाया हुआ बताया जाता है। इसी तरह यह सभी देवी-देवताओं के दिव्य…