हम दिन भर की थकान के पश्चात् जब अपने घर लौटते हैं, तो हमारे भीतर यह इच्छा होती है, कि अपने घर में हम कुछ पल सुकून के बिता सकें। अपनी थकन दूर कर अगले दिन की भागदौड़ के लिए खुद को तैयार कर सकें।

यदि हमारे शयनकक्ष का वास्तु (Bedroom vastu) सही नहीं होता। तो हमको अनिद्रा, दांपत्य सुख में कमी, विवाहित जोड़ो में क्लेश और स्वास्थ्य सम्बन्धी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

जो हमें जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने में बाधक होता है। घर में हमारा बेडरूम या शयनकक्ष वह कमरा या स्थान होता है, जहाँ हम बेफिक्र होकर सुकून से सोते हैं, और अपनी थकान दूर करते हैं।

जहाँ सब कुछ भुला कर हम कुछ पल अपने परिवार और खुद के साथ गुज़ारते हैं। अच्छी और गहरी नींद लेकर तरोताज़ा महसूस करते हैं।

शयनकक्ष ही जहाँ विवाहित जोड़े अपने आने वाले भविष्य के सुनहरे सपने संजोते है। उन्हें पूरा करने की योजनाएं बनाते हैं, और अपना परिवार आगे बढ़ाते हैं।

लेकिन कई बार हम बहुत मेहनत, प्यार और शौक से अपने शयनकक्ष को सजाते संवारते हैं, किन्तु फिर भी हमको वहां वह चैन सुकून नहीं मिल पाता, जिसकी आशा हमने की होती है।

इसके लिए हम अलग अलग तरीकों से समस्या को दूर करने का प्रयास करते हैं, लेकिन समस्या के असली कारण को जानने का प्रयास नहीं करते हैं।

इसलिए जब हम अपने घर में अपने शयनकक्ष का चुनाव करें तो वास्तु सिद्धांतों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

कभी-कभी छोटी-छोटी चीजें आपकी किस्मत बदल सकती हैं। वास्तु शास्त्र आपको सिखाता है कि कैसे अपने बेडरूम में बदलाव करके सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है।

यहां तक ​​कि जोड़ों को एक-दूसरे के करीब भी लाया जा सकता है।

Bedroom vastu direction | शयन कक्ष की सही दिशा

वास्तु के अनुसार घर के मुखिया का शयनकक्ष घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिये। यह घर के मालिक के लिए अच्छा स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु लाता है।

वास्तु के अनुसार घर के उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में बेडरूम बनाने से जहां तक हो सके बचना चाहिए। दक्षिण-पूर्व दिशा में शयनकक्ष होने पर दंपत्ति के बीच लड़ाई होने का कारण माना जाता है।

उत्तर-पूर्व में शयनकक्ष स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकता है। बच्चों का बेडरूम घर के पूर्व या उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में बनाना सबसे अच्छा होता है।

उत्तर दिशा में बेडरूम सभी के लिए शुभ फलकारी माना जाता है। यह उन युवा छात्रों के लिए विशेष रूप से बहुत भाग्यशाली रहता है, जो नौकरी या व्यवसाय के अवसरों की तलाश में हैं।

इसी तरह पूर्व दिशा में शयनकक्ष उन्हें तेज बुद्धि देगा, और पढ़ाई में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करेगा।

वास्तु के अनुसार अपने शयनकक्ष को कभी भी घर के मध्य में न रखें, क्योंकि यह ‘ब्रह्मस्थान’ होता है। यह ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है।

अतः केंद्र में एक निरंतर कंपन बल होता है, और यह एक शयनकक्ष के मूल कार्य विश्राम के विपरीत होता है।

वास्तु के अनुसार मुख्य शयन कक्ष में किसे सोना चाहिए ?

वास्तु के अनुसार, केवल विवाहित जोड़ों को ही मास्टर बेडरूम या मुख्य शयनकक्ष में सोना चाहिए। वह परिवार जिसमें विवाहित जोड़े और अविवाहित सदस्य सम्मिलित रूप से रहते है।

उस स्थिति में कमरे का आकार समान और आयताकार होना चाहिए, तभी विवाहित जोड़े सुखी रह सकते हैं।

Bed position for bedroom vastu | पलंग की दिशा

वास्तु के अनुसार आपको अपने बिस्तर या पलंग को पूर्व या दक्षिण की ओर सिर करके लगाना चाहिए।

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मास्टर बेडरूम में वास्तु के अनुसार पलंग लगाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह परिवार के मुखिया की नींद की गुणवत्ता और स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

मास्टर बेडरूम में सोने की स्थिति या तो दक्षिण या पश्चिम दिशा होती है, अथवा पलंग को दक्षिण या पश्चिम में दीवार से सटाकर रखना चाहिए ताकि लेटते समय आपके पैर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रहें।

अतिथि कक्ष में पलंग का सिरहाना पश्चिम दिशा की ओर हो सकता है। कमरे के कोने में पलंग को लगाने से बचें, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को स्वतंत्र रूप से उत्सर्जित होने से रोकता है।

वास्तु के अनुसार बिस्तर की स्थिति दीवार के मध्य भाग में होनी चाहिए, ताकि चारों ओर घूमने के लिए पर्याप्त जगह हो।

Right direction for sleeping | सोने की सही दिशा

सोने के लिए सबसे अच्छी दिशा दक्षिण है, क्योंकि यदि आप लंबी, अच्छी नींद लेना चाहते हैं, तो इसे आदर्श नींद की स्थिति माना जाता है।

उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से सौभाग्य और भाग्य की प्राप्ति होती है। वैकल्पिक रूप से पूर्व की ओर पैर करके सोने की स्थिति को भी चुन सकते हैं, क्योंकि इससे धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।

वहीं उत्तर दिशा की ओर सिर रखने वाले लोगों को शांतिपूर्ण, अच्छी नींद मिलने की संभावना नहीं होती है।

दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से बचें, क्योंकि यह आपको अच्छी नींद लेने से रोकेगा। दक्षिण दिशा मृत्यु के देवता के लिए है, और इससे बचना चाहिए। इससे मानसिक रोग भी हो सकते हैं।

Bedroom vastu and mirror | बेडरूम में शीशा लगाना

माना जाता है, कि दर्पण बेडरूम के चारों ओर ऊर्जा को प्रतिबिंबित करते हैं। जिसके परिणामस्वरूप उस कमरे में रहने वालों को बेचैनी हो सकती है, और चिंताएं बढ़ सकती हैं।

यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, कि अपने बिस्तर के सामने की दीवार पर दर्पण न लटकाएं। इसके अलावा सावधान रहें, कि आप अपनी ड्रेसिंग टेबल को भी अपने पलंग के सामने न लगाएं।

अपने बिस्तर के सामने शीशा लगाने से बचें, क्योंकि शीशे में सोते हुए शरीर का प्रतिबिंब दिखना अशुभ होता है। ड्रेसिंग टेबल को उत्तर या पूर्व की दीवार में लगाना चाहिए।

यदि किसी कारण आपको ऐसा करना पड़े तो अपने बिस्तर के सामने वाले दर्पण को कपड़े से ढक सकते हैं, ताकि वह आपको और आपके बिस्तर को प्रतिबिंबित न करे।

Color for bedroom vastu | शयन कक्ष का रंग

आदर्श रूप से अपने बेडरूम को ऑफ-व्हाइट, बेबी पिंक या क्रीम रंगों से पेंट करें, और गहरे रंगों से बचें। वास्तु के अनुसार नव विवाहित जोड़े के बेडरूम को गुलाबी, हल्का नीला या सुखदायक पीला जैसे रंगों से रंगा जाना चाहिए।

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लाल रंग का एक सूक्ष्म स्पर्श को नव विवाहितों के शयनकक्ष में जोड़ें, क्योंकि यह प्रेम संबंधों में उत्साह का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन लाल रंग के अत्यधिक उपयोग से बचें, क्योंकि यह आग का भी प्रतीक होता है।

बच्चों के शयनकक्ष को हरे (जो विकास का प्रतिनिधित्व करता है) या पीले (खुशी और सहायक अध्ययन के लिए) रंगों में रंगा जा सकता है।

बच्चे के बेडरूम में काले, गहरे नीले और भूरे जैसे गहरे रंगों से बचें। कोई भी हल्के नीले, पीले, नारंगी और यहां तक ​​कि बैंगनी और हरे रंग के चमकीले रंगों का चयन कर सकता है।

सामान्य तौर पर बहुत सारे रंगों से बचें, क्योंकि यह भ्रम और व्याकुलता पैदा कर सकता है।

Bedroom roof | शयन कक्ष की छत

बेडरूम की छत की ऊंचाई बहुत कम नहीं होनी चाहिए आदर्श रूप से 10 फीट होनी चाहिए, क्योंकि इससे हवा का संचार खराब हो सकता है।

ऐसे फॉल्स सीलिंग डिजाइन से बचें जो विषम है, या नुकीले त्रिकोण वाले हों। जो फॉल्स सीलिंग से लटके हुए हैं, क्योंकि इससे मानसिक तनाव और नींद न आने की समस्या हो सकती है।

यदि शयन कक्ष की छत केंद्र में ऊंची और कोनों पर नीची होती है, तो उसे भी वास्तु के अनुसार अच्छा माना जाता है।

छत के डिजाइन पर कभी भी दर्पण का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि वे बिस्तर को प्रतिबिंबित कर सकते हैं। छत सफेद या किसी हल्के रंग में रंगी होनी चाहिए।

यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है, और शांति की ओर ले जाती है। बेडरूम में रोशनदान वाली छत से बचें। यह शांतिपूर्ण नींद में खलल डाल सकता है।

Bedroom attached bathroom | अटैच्ड बाथरूम के लिए वास्तु

आधुनिक अपार्टमेंट में सुविधा तथा स्थान की कमी के कारण घरों के शौचालय और स्नानघर आमतौर पर बेडरूम से जुड़े होते हैं। अगर बाथरूम गलत दिशा में हो, तो इससे स्वास्थ्य और आर्थिक परेशानी हो सकती है।

जब बाथरूम शयनकक्ष से जुड़ा होता है, तो बेडरूम या मास्टर बेडरूम घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित होना चाहिए। अन्य उपयुक्त दिशाएं दक्षिण या पश्चिम हैं।

अटैच्ड बाथरूम होने पर सुनिश्चित करें, कि बाथरूम का दरवाजा बंद रखा जाये। क्योंकि खुले बाथरूम का दरवाजा बेडरूम की आभा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।

बिस्तर को बाथरूम या शौचालय के करीब नहीं रखा जाना चाहिए। एक छोटे से फ्लैट में यदि यह संभव नहीं है, तो अपने बिस्तर की स्थिति को इस तरह बदलें, कि वह बाथरूम की दीवार के साथ न लगे।

ताकि नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सके। बेडरूम के फर्श की तुलना में बाथरूम का फर्श जमीनी स्तर से कम से कम 1 या 2 फीट ऊपर होना चाहिए।

Bedroom lights | शयनकक्ष की लाइट

वास्तु के अनुसार सूर्य के प्रकाश का कमरे की सकारात्मकता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। दिन में कुछ समय के लिए बेडरूम को प्राकृतिक रोशनी में रहने दें।

फ्लोरोसेंट रोशनी और ओवरहेड स्पॉटलाइट कार्यात्मक दृष्टिकोण से उपयोगी होते हैं। हालाँकि, तेज़ प्रकाश आपके दिमाग को काम करने के लिए प्रेरित करता है।

बेडरूम में मूड-लाइटिंग के लिए गर्म रोशनी को चुनें। तीव्रता को समायोजित करने के लिए,डिमर्स का प्रयोग भी कर सकते हैं।

एक रोमांटिक और सुखदायक माहौल बनाने के लिए रोशनी, प्रतिबिंब और ब्लिंग के लिए प्रकाश के साथ खेलें। खराब लाइटों, फिक्स्चर या फ्यूज बल्ब को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए।

Bed and bedsheet | पलंग और चादर

आपके बिस्तर में हमेशा हेडरेस्ट या सिरहाना होना चाहिए। ऐसे बिस्तर से बचें, जो आकार में अनियमित हो, या यहां तक ​​कि गोल या अंडाकार आकार का हो।

इस संबंध में एक चौकोर या आयताकार आकार का बिस्तर हमेशा अच्छा होता है। नवविवाहितों के बिस्तर की चादर गुलाबी या लाल रंग का होनी चाहिए,

यह रोमांस और जुनून का प्रतीक है। रंगों के संतुलन के लिए थ्रो और डुवेट लाल रंग में हो सकते हैं, जबकि चादरें और कवर गुलाबी हो सकते हैं।

Do and don’t in bedroom vastu

1 दीवार पर मृत पूर्वजों की तस्वीर टांगने से बचना चाहिए।

2 मंदिर को शयनकक्ष में न लगाएं। अगर आपके कमरे में है तो उसके सामने एक पर्दा विशेष रूप से रात में लटका दें।

3 सभी टूटी हुई या चिपकी हुई वस्तुओं को शयन कक्ष से हटा दें।

4 लकड़ी के पलंग सबसे अच्छे हैं, जितना हो सके लोहे के पलंग पर सोने से बचें।

5 बिस्तर के ऊपर एक गोल छत से बचें और एक ओवरहेड बीम के नीचे न सोएं। बेडरूम में फुटवियर या शू कैबिनेट न रखें।

6 सोते समय अपने सिर के पीछे कभी भी खिड़की खुली न रखें।

7 उपयोग में न होने पर संलग्न शौचालय का दरवाजा बंद रखें। बेडरूम में ऐसे दरवाजे नहीं होने चाहिए जो क्रेक हों – इसे जल्द से जल्द ठीक करें।

8 सप्ताह में कम से कम एक बार पानी में समुद्री नमक मिलाकर फर्श को पोछें क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

9 अपने बिस्तर के नीचे या बिस्तर के डिब्बे में अवांछित अव्यवस्था न रखें।

10 यदि आपके पास बेड बॉक्स स्टोरेज है, तो उसे व्यवस्थित रखें। बेड बॉक्स में कभी भी टूटी हुई घड़ियां, खिलौने, पुरानी चादर आदि न रखें।

वास्तु शास्त्र के अनुसार आप बेड बॉक्स में जो कुछ भी स्टोर करते हैं उसका असर नींद की गुणवत्ता पर पड़ता है।

अपने शयनकक्ष में डबल बेड पर भी सिंगल गद्दे का प्रयोग करें, खासकर यदि यह युगल बिस्तर है। बिस्तर पर अतिरिक्त तकिए न रखें।

Vastu tips for good sleep | अच्छी नींद के लिए वास्तु टिप्स

1 दरवाजे की ओर सिर करके न सोएं क्योंकि इससे आपको बुरे सपने आ सकते हैं।

2 यदि बिस्तर बीम के नीचे है, तो इससे आपको नींद में खलल पड़ सकता है।

3 पानी के जग को दक्षिण-पूर्व दिशा में न रखें क्योंकि इससे नींद नहीं आ सकती है।

4 बेडरूम में गहरे रंग के फर्नीचर की सिफारिश नहीं की जाती है।

5 रात के समय कभी भी वॉश स्पेस/जुड़े बाथरूम का दरवाजा खुला न छोड़ें।

Bedroom vastu dosh upay | बेडरूम में वास्तु दोष का उपाय

बेडरूम में वास्तु दोष के लिए यहां कुछ सरल उपाय दिए गए हैं। लेकिन हमेशा वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर होता है।

1 उत्तर-पूर्व की ओर मुख वाले शयनकक्ष में समुद्री नमक या कपूर के क्रिस्टल का एक कटोरा रखें।

2 समुद्री नमक और कपूर नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करते हैं, और किसी भी वास्तु दोष को दूर करने के लिए काम करते हैं।

3 उत्तर-पूर्व की ओर मुख वाले शयन कक्ष की दीवारों को सफेद या पीले रंग में रंगें।

4 लैवेंडर की खुशबू उत्तर-पूर्व दिशा में वास्तु दोषों को दूर करने में मदद करती है।

5 उत्तर-पश्चिम का बेडरूम अक्सर अपने रहने वालों के जीवन में धन की हानि और तनाव लाता है।

6 चंद्र यंत्र को उत्तर-पश्चिम कोने में रखने से वास्तु दोषों को ठीक करने में मदद मिल सकती है।

उपरोक्त बातों का यदि आप अपने शयनकक्ष को बनाते समय ध्यान रखेंगे। तो आपको बेहतर दाम्पत्य जीवन, उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होगी। आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर पाएंगे।

वास्तु शास्त्र के सारांश वर्णन के लिए वास्तु शास्त्र परिचय ( Vastu ), और मुख्य द्वार वास्तु ( main door vastu ) भी अवश्य देखे।

नवरत्नों और उनसे हमारी जीवन की समस्याओ के समाधान के बारे जानने के लिए नवरत्न (navratna) लिंक पर जाकर लेख अवश्य पढ़े।

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