हम सबको अपने आसपास हरियाली और सुगंधित पुष्प देखना अत्यंत सुखदायी अनुभव देता है। प्रकृति की नज़दीकी हमेशा से हमारे लिए एक तनाव मुक्त माहौल का एहसास कराती है।

इसलिए हम सब जब अपने घर की कल्पना करते है, तो अपने आसपास हरियाली और सुगंधित फूलों से भरा बगीचा बनाने के बारे में ज़रूर सोचते हैं।

लेकिन क्या कभी आपने सोचा है, कि वास्तु शास्त्र में घर के बग़ीचे को लेकर भी नियम और सिद्धांत ( Garden vastu tips ) बताये गए हैं। यदि हम वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने बगीचे की योजना बनाते और डिजाइन करते हैं।

तो यह आपके मूड को महत्वपूर्ण रूप से बदल सकता है, साथ ही आपके स्वास्थ्य और समृद्धि को भी सुनिश्चित करता है।

भले ही हमारा घर बड़ा हो या छोटा हम सभी अपने घर में पेड़ पौधे और फूल ज़रूर लगते हैं। आज के फ्लैट कल्चर में भी हम अपनी बालकनी में गमले लगाना नहीं भूलते हैं।

अक्सर हम घर के कमरों और साज सज्जा को लेकर वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं, लेकिन घर के गार्डन या बगीचे के विषय में वास्तु सिद्धांतों का ध्यान नहीं रखते हैं।

घर के आंगन में बना छोटा सा उद्यान या बग़ीचा भी हमें प्रकृति के करीब महसूस करा देता है, जिससे हमें पेड़ पौधों की प्रचुरता से प्रभावित शांति का आनंद लेने की सुविधा मिलती है।

हममें से अधिकतर लोग इस बात से अनजान रहते हैं कि वास्तुकला की पारंपरिक भारतीय प्रणाली इस तरह की प्राकृतिक सुंदरता और इसके स्फूर्तिदायक गुणों का लाभ उठाने में हमारी मदद कर सकती है।

यहाँ इन्ही वास्तु नियमों को जानने का प्रयास करेंगे कि कैसे हम अपने घर में पेड़ पौधे लगाकर खुद को प्रकृति के करीब ला सकते हैं।

Place for garden as per vastu | बगीचे का स्थान

वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे घर का प्रत्येक खंड पंच महाभूत के पांच तत्वों में से हर एक को प्रतिबिंबित करता है। घर का दक्षिण-पश्चिम भाग पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है। उत्तर-पूर्व पानी या जल की दिशा के लिए जाना जाता है।

दक्षिण-पूर्व आग (रोग मुक्त पौधों का घर) का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि उत्तर-पश्चिम वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करता है।

घर का केंद्र अंतरिक्ष तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। घर के दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में बगीचा बनाना घरवालों के बीच तनाव का कारण बन सकता है।

Garden vastu tips for plants | बगीचे में उपयुक्त पेड़

वास्तु शास्त्र हमको अपने बगीचे में कौनसे पेड़ पौधे लगाने चाहिए, इस विषय में भी जानकारी प्रदान करता है।

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यदि हम वास्तु अनुसार उपयुक्त पेड़ पौधों का का चयन करते हैं, तो अपने घर परिवार में सौभाग्य, समृद्धि और सकारात्मकता को आकर्षित करते हैं।

तुलसी का पौधा लगाना आपके घर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसे घर के उत्तरी, उत्तर-पूर्वी और पूर्वी हिस्से में लगाना चाहिए ऐसा करने से आप अपने घर को बुरी नज़र से बचाते हैं, और सुख समृद्धि का आव्हान करते हैं।

स्वास्थ्य की दृष्टि से भी तुलसी के पत्तों का सेवन आपको मौसमी बीमारियों से बचने में सहायक होता है। तुलसी का पौधा बहुत सारे नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए लाभदायक होता है।

फूलदान को परिसर की चार दीवारी पर नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे उसकी ऊंचाई बढ़ जाती है, जो वास्तु सिद्धांत से सही नहीं होता है। गमलों को घर या बाग़ीचे के उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में जमीन पर रखना चाहिए।

यदि हमारा बगीचा घर के सामने वाले भाग या भूखंड में स्थित है, तो विशाल पेड़ों को कभी भी घर के प्रवेश द्वार के सामने नहीं लगाना चाहिए, जिससे घर का द्वार अवरुद्ध न हो।

बगीचे की दीवार के पास इस प्रकार के पेड़ को लगाया जा सकता है। वास्तु की दृष्टि से यदि आपके घर में एक बड़ा बगीचा लगाने की व्यवस्था है, तो पीपल, आम, नीम या केले का पेड़ लगाना अच्छा होता है।

लेकिन इस प्रकार कि इन पेड़ों की छाया घर के ऊपर न पड़े। ये पेड़ न केवल अपनी सुगंध के लिए जाने जाते हैं, बल्कि वे सकारात्मक ऊर्जा भी देते हैं।

Plants directions for garden vastu tips | पेड़ों की उपयुक्त दिशा

बगीचे के पूर्व या उत्तर भाग में छोटे पेड़ या पौधे लगाए जाने चाहिए, जिससे घर का उत्तर-पूर्व भाग खुला और छाया मुक्त रह सके।

बगीचे के पश्चिम, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम भाग में ऊँचे पेड़ लगाने चाहिए। मुख्य घर और पेड़ों के बीच एक बड़ी दूरी बनाए रखी जानी चाहिए, क्योंकि इनके जड़ें घर की नींव को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार बड़े पेड़ों को इस प्रकार लगाया जाना चाहिए, कि उनकी छाया सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच मुख्य भवन पर नहीं पड़नी चाहिए।

बड़े पेड़ों की छाया यदि घर के प्रवेश द्वार या घर पर पड़ती है, तो यह वास्तु अनुसार घर में नकारात्मकता को बढ़ावा देता है।

वास्तु नियम अनुसार घर के बगीचे में कीड़े, कीड़े, मधुमक्खियां या सांपों को आकर्षित करने वाले पेड़ों को लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आप घर में दुर्भाग्य को आमंत्रित करते हैं।

Garden vastu tips for accessories | उद्यान तत्व

बगीचे में हमेशा लॉन पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए, जहां उत्तर-दक्षिण अक्ष के साथ एक झूला रखा जा सकता है। यह वास्तु शास्त्र के अनुसार अबाधित विचारों और अवसरों को सुनिश्चित करता है।

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बगीचे के पूर्व या उत्तर दिशा में एक छोटा जलप्रपात या फाउंटेन बनाया जा सकता है। बगीचे का उत्तर-पूर्व कोना सीमा से बाहर होना चाहिए।

यदि बगीचे में छोटा स्विमिंग पूल है, तो उसका मुख उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। कमल के फूलों के साथ एक छोटा सा तालाब आपके जीवन में भाग्य लाएगा।

घर के गार्डन में गलत दिशा में बना पानी का झरना घर के लोगों की मानसिक शांति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

वास्तु अनुसार बेंच लगाना बड़े बगीचे में उपयोगी होती हैं, और इनको उत्तर या पूर्व दिशा में रखा जा सकता हैं। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके, कि उन पर बैठे लोगों का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर हो।

Other-garden-vastu-tips | अन्य वास्तु टिप्स

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1 कभी भी घर के गार्डन में पेड़ पौधों पर सूखी पत्तियां या टूटी,चटकी डालियाँ नहीं होना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मकता और हादसों की सम्भावना को बढाती है।

2 कभी भी बगीचे में सूखे या मरे पौधे नहीं लगे रहने देना चाहिए। उनको तुरंत हटा देना चाहिए, यह भी नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करता है।

3 मरे हुए जीव जंतुओं को भी बगीचे में नहीं रहने देना चाहिए।

4 पौधों को मौसम अनुसार नियमित पानी, खाद देना आपके घर परिवार में सुख समृद्धि का कारण बनता है।

5 बगीचे में रात को रौशनी की उचित व्यवस्था करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करके आप सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं, और अनचाहे हादसों से भी खुद को बचाते हैं।

उपरोक्त वास्तु नियमों को यदि हम घर में बगीचा बनाते समय ध्यान में रखते हैं। तो आप अपने घर को न केवल प्राकृतिक एहसास दे पाएंगे, बल्कि घर में पॉजिटिव एनर्जी को भी बनाए रखेंगे।

वास्तु शास्त्र के सारांश वर्णन के लिए वास्तु शास्त्र परिचय ( Vastu ) और मुख्य द्वार वास्तु ( main door vastu ) भी अवश्य देखे।

नवरत्नों और उनसे हमारी जीवन की समस्याओ के समाधान के बारे जानने के लिए नवरत्न (navratna) लिंक पर जाकर लेख अवश्य पढ़े।

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