Jane Vivah ki Pratha | क्यों जरुरी है विवाह
विवाह ( Vivah ) हमारे सामाजिक जीवन की एक ऐसी परंपरा है। जिसमे दो लोगों को एक सामाजिक बंधन में बांधा जाता है। आमतौर पर यह एक ऐसी संस्था है, जिसमें
विवाह ( Vivah ) हमारे सामाजिक जीवन की एक ऐसी परंपरा है। जिसमे दो लोगों को एक सामाजिक बंधन में बांधा जाता है। आमतौर पर यह एक ऐसी संस्था है, जिसमें
वृश्चिक लग्न ( Vrishchik Lagna ) के स्वामी ग्रह मंगल और केतु होते है। वहीं गुरु इनकी कुंडली में दूसरे और पांचवे घर का स्वामित्व रखते हुए इनको शुभ फल प्रदान करता है। गुरु इनको बहुत अभेद्य सुरक्षा…
तुला लग्न ( Tula Lagna ) के लोग अपनी लग्न राशि के अर्थ ( तराज़ू ) के अनुसार ही सामंजस्य और बराबरी बना कर चलने वाले होते है। इस लग्न का तत्व वायु होता है, जो कभी-कभी अपना…
कन्या लग्न ( Kanya Lagna ) सौम्य चारित्रिक गुणों से परिपूर्ण होता है। इस लग्न में जन्मे लोग स्त्री तत्व से भरपूर होते हैं। इसका शासक ग्रह बुध होता है।
सिंह लग्न ( Singh Lagna ) एक राजसी खूबियों वाला लग्न होता है, और इसके नाम के अनुरूप ही इस लग्न में जन्म लेने वाले जातक में भी एक राजा के गुण देखे जा सकते है। इसका शासक…
कर्क लग्न ( Kark Lagna ) के जातकों में चंद्र के सामान शीतलता का गुण पाया जाता है, क्योंकि चन्द्रमा इनका स्वामी ग्रह होता है। मंगल भी इस लग्न के जातक को वृद्धि के योग प्रदान करता है। यदि…
मिथुन लग्न ( Mithun Lagna ) का स्थान तीसरा होता है। इस लग्न का स्वामी बुध ग्रह होता है। बुध ग्रह कुंडली के चौथे घर का स्वामी होता है। बृहस्पति ग्रह मिथुन लग्न के जातकों की कुंडली में…
भारत में मैरिज (Marriage) को जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण चरण माना जाता है। बिना विवाह संस्कार के भारतीय समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। शादी अथवा विवाह मानव इतिहास का सबसे पुराना सामाजिक कृत्य है, जो युगो…