हम सभी का सपना होता है कि हमारा एक बड़ा सा घर हो जहाँ हम अपने परिवार के साथ सुखी जीवन व्यतीत करे। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए हम जीवन पर्यन्त मेहनत और प्रयास करते हैं।
हम में से कुछ लोगों का अपने घर का सपना बहुत जल्दी पूरा हो जाता है, और कुछ लोगों का जीवन अपने इस सपने को पूरा करते करते ही बीत जाता है।
जब हमारा घर बनता है, तो हम पूरे मन से उसको सजाते संवारते है। सभी सुख सुविधाओं को अपने घर में लाने की कोशिश करते हैं।
जब हम अपने घर को बनाते और सजाते समय समय वास्तु नियमों को अनदेखा कर देते हैं। तब हम अपने घर की सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) को बनाए नहीं रख पाते।
कई बार पूरी लगन और मेहनत से घर बनाने और सजाने के बाद हमको अपने घर में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त नहीं हो पाती है। घर में बीमारी, धन की कमी और नकारात्मकता का अनुभव करते हैं।
इस समस्या के निवारण के लिए हम जी जान से प्रयास करते हैं, किन्तु समस्या के मूल कारण के विषय में विचार नहीं करते हैं।
वास्तु शास्त्र में घर सजाते समय कुछ सावधानियां बरतने के विषय में नियम या सिद्धांत बताए गए हैं। हम यदि इन नियमों का ध्यान रखें, तो हमारे घर में सुख सुविधाओं के साथ -साथ सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को बनाए रख सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार सुख, सकारात्मकता और सफलता का स्वागत करने के लिए घर से अव्यवस्था को दूर करना जरूरी होता है।
नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने वाली कुछ वस्तुओं, कलाकृतियों या सामग्रियों को भी घर से हटाने की आवश्यकता होती है।
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Broken stuffs and positive energy | टूटी हुई वस्तुएं
हम में से बहुत सारे लोगों के घरों में टूटे शीशे, टूटे हुए क्रॉकरी, टूटी हुई ट्रे और इसी तरह की अन्य चीजें कई बार बस ऐसे ही अलग रख दी जाती हैं।
समय के साथ हम अक्सर उन चीज़ों को नजरअंदाज कर देते हैं, या भूल जाते हैं।
ये वस्तुएं घर में रहने वालों में उदासी और निराशा की भावना उत्पन्न करती हैं। इसलिए सुनिश्चित करें, कि आपके घर के सामान में कोई दरार नहीं है, आपकी चादरों पर कोई दाग नहीं है।
अगर कुछ टूट जाता है, तो इसे या तो अलग कर दिया जाना चाहिए या तुरंत ठीक किया जाना चाहिए ।
Negative artifacts | नकारात्मक कलाकृतियां
अपने घर को सजाने के लिए हम बहुत सारी कलाकृतियों का सहारा लेते है, लेकिन कई बार हम ऐसी चीज़ों को घर ले आते है जो देखने में बहुत सुन्दर लगती हैं किन्तु उनमे से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न या आकर्षित होती है।
वास्तु शास्त्र हमे कलाकृतियों के सम्बन्ध में भी कुछ नियम बताता है। ताकि हमारे घर में सुख समृद्धि बनी रहे, और हम सुखी जीवन का आनंद ले सकें।
रोते हुए बच्चे की तस्वीर, जहाज का मलबा, भ्रम पैदा करने वाली कलाकृतियां, सूरज का डूबना। जैसे चित्र या कलाकृतियां घर में सजाने पर घर में दुख-दर्द का माहौल बन सकता हैं।
इसी तरह, बेडरूम में झरने, समुद्र, बारिश, एक्वेरियम या फव्वारे की तस्वीरें, वित्तीय मुद्दों, भावनात्मक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि पानी एक अस्थिर तत्व है, और घर में एक अस्थिर वातावरण बनाता है।
Artificial flowers | कृत्रिम फूल
अपने घर की बैठक, बच्चों का कमरा, शयन कक्ष, भोजन कक्ष को सजाने के लिए हम पुष्पों का सहारा लेते हैं। कृत्रिम फूल और ताज़े फूल दोनों प्रकार के फूल ग्रह सज्जा के काम आते हैं।
वास्तु शास्त्र में फूलों से घर की साज सज्जा को लेकर भी नियम बताए गए हैं। यदि हम इन नियमों के अनुसार अपने घर को सजाते हैं, तो अपने सकारात्मक ऊर्जा का आह्वान करते हैं।
ताज़े फूल और हरियाली हमेशा सजीवता और सकारात्मकता को आकर्षित करती है। इसलिए जब हम अपने घर में ताज़े फूल पत्तियां सजाते हैं, तो घर में एक खुशनुमा माहौल उत्पन्न होता है।
फूलों की ताज़गी और सुगंध घर के लोगों के विचारों को भी शुद्ध करती है, जिससे आपसी प्यार और सदभावना की उत्पत्ति होती है।
वहीँ बासी और मुरझाये फूल घर में उदासीनता को उत्पन्न करते हैं जिससे घर के सदस्यों में निराशा और अवसाद उत्पन्न होता है।
इसलिए वास्तु सिद्धांत के अनुसार घर में कभी भी सूखे और मुरझाये फूल पौधे नहीं लगाने चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करते हैं।
घर की साज सज्जा में हमेशा ताज़े फूलों का प्रयोग करना चाहिए, ताकि इन पुष्पों की ताज़गी आपको और आपके घर को महका सके।
यदि हम नकली फूलों से अपने घर को सजाएँ तब भी इस बात का ध्यान रखने की बहुत पुराने, फ़ीके या कटे फटे फूल पत्तियों को जल्द से जल्द घर से भहर कर देना चाहिए।
Old cloths | फटे कपड़े
यदि आप अपने शयनकक्ष में फटे हुए चादर और पैच वर्क वाली रजाई, फीके रंग के परदे या दबे गद्दे इस्तेमाल करते हैं, तो यह आपके प्रेम जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
इसी प्रकार घर की बैठक में भी पर्दों, सोफे या दीवान कवर को समय समय पर बदलते रहना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी को बनाए रखता है।
अपनी अलमारी में भी समय समय पर पुराने बिना इस्तेमाल में आने वाले कपड़ों को हटाते रहना चाहिए। क्योंकि बिना काम में आने वाले कपडे भी आपके घर और जीवन में नकारत्मक ऊर्जा को उत्पन्न करते हैं।
Taxidermy | and positive energy | मृत जानवर
टैक्सिडर्मी जानवर, बाघ और तेंदुआ की खाल, हाथी दांत, सीप, घोंघे या सींगों में स्थिर ऊर्जा होती है, जो लगातार मृतक जानवर की आत्मा को अपनी ओर आकर्षित करती रहती है।
जिससे एक नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होकर घर के माहौल को ख़राब करती है।
इसलिए घर में इस प्रकार के मृत जानवरों की खालें और टैक्सीडर्मी नहीं लगाना चाहिए। वास्तु शास्त्र में इन सब चीज़ों को ग्रह सज्जा के लिए निषेध बताया गया है।
Home Decoration for positive energy | गृह सज्जा
1. Red Doormat | लाल डोरमैट लगाएं
घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर लाल रंग का डोरमैट लगाना सौभाग्य सूचक होता है। ऐसा करके आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
2. Well arranged furniture | व्यवस्थित फर्नीचर
घर को सजाने और बैठने एवं सोने के लिए हम अपने घर में फर्नीचर की व्यवस्था करते हैं।
इसके लिए हम भारी और महंगे सामान खरीदते है। लेकिन यह भूल जाते हैं, कि घर का फर्नीचर कमरे के आकार और वास्तु के नियमानुसार होता है, तभी आपके घर की शोभा और आपको सुख प्रदान करता है।
घर में हमेशा लकड़ी का फर्नीचर ही लगाना बेहतर होता है। लोहे का या किसी अन्य धातु का फर्नीचर घर में तनाव का माहौल उत्पन्न करता है।
शयन कक्ष में विशेष रूप से लोहे का पलंग लगाने से बचना चाहिए ,क्योंकि यह अनिंद्रा को बढ़ाता है, और प्रेम सम्बन्धो या दांपत्य जीवन में क्लेश पैदा करता है।
3. Color for positive energy | रंग संयोजन
वास्तु अनुसार घर के प्रत्येक कमरे के लिए विशिष्ट रंग होते हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करने में मदद करते हैं।
लिविंग रूम के लिए, दीवारों को हल्के गुलाबी, सफेद, क्रीम, बेज, फूलों के सफेद जैसे हल्के रंगों में पेंट करें।
इनमें से प्रत्येक रंग विभिन्न सकारात्मक वाइब्स जैसे पवित्रता, गर्मी, शांति, पूर्णता, सौंदर्य, आदि से जुड़ा हुआ होता है। विभिन्न रंगो एवं इनसे पड़ने वाले प्रभावों तथा उपायों को जानने के लिए सात रंग का रहस्य ( colour ) पर जाये।
4. Faulty equipment’s | खराब उत्पाद
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जो अब काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें ठीक किया जाना चाहिए या हटा दिया जाना चाहिए।
इसलिए नियमित रूप से अपनी दीवार की घड़ियों और घरेलू उपकरणों की जांच करें। टूटे हुए फोटो फ्रेम, शो पीस, दरार वाले दर्पणों को त्याग देना चाहिए, क्योंकि वे आपके जीवन में दुर्भाग्य ला सकते हैं।
यदि घर की साज सज्जा के लिए हम उपरोक्त वास्तु सिद्धांतों का पालन करेंगे तो निश्चित ही घर में सुख,समृद्धि और शांति का वास वन रहेगा और आपका घर आपके सपनों का घर बन पायेगा।
वास्तु शास्त्र के सारांश वर्णन के लिए वास्तु शास्त्र परिचय ( Vastu ) और मुख्य द्वार वास्तु ( main door vastu ) भी अवश्य देखे।
नवरत्नों और उनसे हमारी जीवन की समस्याओ के समाधान के बारे जानने के लिए नवरत्न (navratna) लिंक पर जाकर लेख अवश्य पढ़े।
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