हम अपना सारा जीवन अपने परिवार की सुख समृद्धि को बनाये रखने के प्रयास करते हैं। विशेष रूप से अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। 

वास्तुशास्त्र हमको बच्चों की पढाई की टेबल (Study Table Vastu) को लेकर कई नियम बताता है, जिससे हमारे बच्चे अच्छे से पढ़ लिखकर अपना भविष्य उज्वल कर सकें। 

हम चाहते हैं, कि हमारे बच्चे अच्छे से पढ़ाई करें। जिससे उनका भविष्य बेहतर बन सके। इसके लिए हम उनकी अच्छे स्कूल में शिक्षा व्यवस्था करते हैं।

यदि अलग से कक्ष की व्यवस्था न हो, तब भी घर में एक ऐसा कोना या स्थान अवश्य बनाते है। जहाँ बच्चे शांति से अपनी पढ़ाई पर ध्यान रख सकें। 

बच्चों की शिक्षा में सबसे महत्वपूर्ण एक टेबल होता है,जिस पर वह अपनी शिक्षा सम्बन्धी काम करते हैं। इसका वास्तु यदि ठीक न हो, तो इसका बुरा असर बच्चों की पढाई पर पड़ता है। 

लेकिन अक्सर हम इस बात पर गौर नहीं करते, जिसका नुकसान हमारे बच्चों को भुगतना पड़ता है। उनका मन कई बार पढ़ने से उचट जाता है। 

घर पर भी उनकी लिखाई पढाई की उत्तम व्यवस्था का प्रयत्न करते हैं। इसके लिए यदि हमारे पास घर में जगह हो तो उनके लिए अलग से स्टडी रूम की व्यवस्था करते है। 

Study Table Importance | स्टडी टेबल का महत्व

वास्तु के महत्व को समझने से पहले, हमें यह समझना चाहिए, कि हर छात्र के कमरे में यह होना क्यों जरूरी है।

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स्कूल के समय  के अलावा, छात्रों को घर पर भी महत्वपूर्ण रूप से अध्ययन करने की आवश्यकता होती है। इसमें स्कूल से मिला होमवर्क एवं असाइनमेंट को पूरा करना, तथा परीक्षा के लिए तैयारी करना भी शामिल होता है।

इसके लिए टेबल रखना बहुत काम आता है। यह छात्रों को अपनी अध्ययन सामग्री को व्यवस्थित रखने में सहायता करती है। 

यह उन्हें एक ही बार में अपनी सभी पुस्तकों और नोटबुक आदि पर एक त्वरित नज़र रखने में सक्षम बनाती है। यह उच्च कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी रहती है। 

क्योंकि उन्हें स्कूली किताबों के अलावा बहुत सी संदर्भ पुस्तकों का भी अध्ययन करने की आवश्यकता होती है। जिससे वह अपनी अध्ययन क्षमता को विस्तार दे सकें। 

इसके अलावा, कुर्सी पर बैठने की आदत छात्रों के शारीरिक संरचना को भी सही बनाये रखती है। इससे उनमें  एकाग्रता से अध्ययन करने की क्षमता का विकास होता है। 

कुछ घरों में, जहां छात्रों के पास यह सुविधा नहीं होती है, जिसकी वजह से उनको पढाई के लिए बिस्तर या फर्श पर बैठना पड़ता है।

कहने की जरूरत नहीं है, इससे उनकी रीढ़ की हड्डी में खिंचाव पैदा होता है। जिसकी वजह से शरीर में उन्हें ऐंठन व दर्द हो सकता है। इसके अलावा,यह व्यवस्था छात्रों में सुस्ती और थकान को भी बढ़ा देती है।

वास्तु सलाहकार एवं डॉक्टर दोनों के हिसाब से, अध्ययन टेबल का उपयोग करने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है। इससे यह सिद्ध हो जाता है, कि यह कितनी आवश्यक होती है। 

Study Table Position | स्टडी टेबल की स्थिति

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के अच्छे वास्तु को सुनिश्चित करने के लिए घर में वस्तुओं का सही स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है। 

स्टडी टेबल के सही वास्तु के साथ, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके बच्चे को इसका अधिकतम लाभ मिले।

अपनी पढ़ाई के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए यह आवश्यक हो जाता है, कि बच्चों की एकाग्रता बनी रहे। जिससे वह अच्छा कर सकें। 

जब आप वास्तु के दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं। तब आपका बच्चा पढ़ाई के दौरान अधिकतम एकाग्रता से पढाई कर सकता है। आपका बच्चा पढाई संबंधी बातों को अच्छे से ध्यान में रख पाता है। 

छात्र अधिक समय तक बैठने और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित रहने में सक्षम हो पाते हैं। इससे  छात्रों के पढ़ाई में उत्कृष्टता प्राप्त करने की अधिक संभावना हो जाती है।

यदि वास्तु नियमों की उपेक्षा की जाती है, तो यह कई वास्तु दोषों को जन्म दे सकता है। इसके परिणामस्वरूप, संभावित और पर्याप्त संसाधनों के साथ भी छात्र के हमेशा औसत दर्जे का रहने की संभावना अधिक होती है।

Study Table Vastu | स्टडी टेबल के लिए वास्तु

स्टडी टेबल के लिए वास्तु सिद्धांत में भी कई कारक शामिल होते हैं, जैसे कि घर के लिए संपूर्ण वास्तु में कई पहलुओं का अवलोकन आवश्यक होता है।

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प्रमुख वास्तु कारक दो होते हैं, आदर्श स्थान तथा अभिविन्यास जिसका छात्र को अध्ययन करते समय सामना करना पड़ता है।

इनके अलावा, टेबल की सामग्री, रंग और आकार भी वास्तु को प्रभावित कर सकता है। इन सभी बातों का असर पड़ता है। 

Place | आदर्श स्थान 

टेबल के लिए उसको रखने का स्थान अच्छा वास्तु सुनिश्चित करने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण बात है। इससे बच्चों की पढाई पर बहुत प्रभाव पड़ता है। 

वास्तु शास्त्र के अनुसार टेबल रखने के लिए घर की दक्षिण पश्चिम दिशा सबसे अच्छा जोन होती है। दूसरा सबसे अच्छा विकल्प घर का उत्तर पूर्व क्षेत्र होता है।

टेबल लगाने के लिए पूर्व दिशा पर विचार किया जा सकता है, लेकिन केवल तभी जब छात्र राजनीति विज्ञान के शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा हो। 

वास्तु में साउथ ऑफ़ साउथ ईस्ट (SSE) जोन उन छात्रों के लिए अधिक उपयुक्त माना गया है। जो योग, खेल और शारीरिक शिक्षा विषयों में बहुत सक्रिय रहते हैं।

कानून और पुलिस के क्षेत्र में करियर बनाने वालों के लिए दक्षिण पूर्व  दिशा में लगाना अधिक फलदायी रहता है। वास्तु सिद्धांत के अनुसार अकाउंटेंसी से संबंधित पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए पश्चिम दिशा में लगाना शुभ होता है।

उत्तर पश्चिम दिशा में लगाना गृह विज्ञान, खुदरा निवेश से संबंधित विषयों के छात्रों के लिए अच्छे परिणाम आने की संभावना को बढ़ा देता है।

जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए उत्तर दिशा अधिक फलदायी रहती है।

Study Table Direction | दिशा एवं वास्तु

एक बार जगह तय हो जाने के बाद वास्तु का अगला नियम  उस दिशा के रूप में सामने आता है, जिस दिशा में छात्र अध्ययन करते समय अपना मुख करता है।

विज्ञान के छात्रों के लिए सबसे अच्छा रहता है, कि पढ़ते समय उनका मुख पश्चिम दिशा की ओर हो। कानून के छात्र के लिए, सबसे अच्छा रहेगा, कि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर रहे।

राजनीति या प्रशासन की शिक्षा से जुड़े अध्ययनों के लिए उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पढ़ना सबसे अच्छा होता है।

उसी प्रकार कला और धार्मिक शिक्षा सम्बन्धी छात्रों के लिए सबसे अच्छा रहेगा, कि वो पूर्व  दिशा की ओर मुख करके अध्ययन करें।

Study Table Vastu Tips | वास्तु निर्देश

कुछ अन्य वास्तु दिशा निर्देश भी स्टडी टेबल के वास्तु को प्रभावित कर सकते हैं। स्टडी टेबल की सामग्री, आकार और आसपास का क्षेत्र इससे संबंधित होते हैं। 

1 स्टडी टेबल हमेशा आयताकार या वर्गाकार हों चाहिये। 

2  लकड़ी प्रकृतिक तत्व होता है।  इसलिए लकड़ी से बनी हुई टेबल अध्ययन के लिए उत्तम रहती है। अन्य सामग्री जैसे, प्लास्टिक, फाइबर आदि पर भी विचार किया जा सकता है।  लेकिन धातु से बचने की कोशिश करें। 

3 टेबल कभी भी दीवार से सटा न हो। हवा के प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए एक छोटा सा गैप अवश्य रखें। यह इस स्थान को मुक्त, स्वच्छ रखने में मदद करेगा। 

4 कमरे में टीवी या कंप्यूटर, दर्पण या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट रखने से बचें, क्योंकि इससे छात्रों का ध्यान भंग होता है। टेबल और उसके आस-पास के स्थान को साफ और व्यवस्थित रखें।

उपरोक्त वास्तु नियमों का यदि आप पालन करते हैं, तो आपके बच्चों को अध्ययन क्षेत्र में सफलता मिलना निश्चित होता है। 

जब भी आप स्टडी टेबल लगाने के विषय में विचार करें, तो इन नियमों का विशेष ध्यान रखने की सलाह वास्तु शास्त्र हमें देता है। 

पूजा घर वास्तु इस दिशा को तरह यंत्रो का भी महत्त्व है। यंत्र कैसे समस्या समाधान कर हमारे जीवन को अधिक सुन्दर बना सकते है, जानने के लिये यंत्रो का जादू (Yantra) भी पढ़े।

यदि हम उपरोक्त वास्तु नियमों का ध्यान रखते है, घर में पूजा कक्ष बनाते समय तो हमारी पूजा का सर्वाधिक प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं। 

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