प्रत्येक रंग ( Colour ) का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व है, जो पूरे ब्रह्माण्ड में पाया जाता है। बिना रंगों व किरणों के हम इस संसार की कल्पना भी नहीं कर सकते है।
यदि सूरज की सफ़ेद ( White ) रौशनी को केंद्रित कर काँच के प्रिज्म से गुजरा जाता है, तब वह अपने मूल सात रंगो में बट जाती है।
साबुन का बुलबुला व इन्द्रधनुष ( Rainbow ) भी सात रंग दर्शाते हैं। लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, आसमानी और बैंगनी।
ये सात मुख्य हैं, अन्य सब मिश्रित (गौण) हैं, जैसे काला, सलेटी, मैहरून, भूरा, परपल, लैवेण्डर आदि। इन सभी रंगों का उद्गम स्थान सूर्य है। सूर्य की किरणों के बिना पृथ्वी वर जीव नहीं रह सकता है।
हमारे शरीर में भी सूर्य की सात किरणें सम्मिलित हैं। मानव-शरीर कोशिका जब कोशिका-तन्त्र का जाल है। प्रत्येक कोशिका अलग-अलग रंगों से बनी है। हम इन्हीं सात रंगों से पैदा होते हैं, जीते हैं और बढ़ते हैं।
यही हमारे शरीर को स्वस्थ व सन्तुलित बनाए रखने में सहायक हैं। मानव-शरीर का रंग भी कम या ज्यादा अर्थात् गड़बड़ा जाए तो तरह-तरह की बीमारियाँ पैदा हो जाती हैं।
इन की पूर्ति के लिए कई तरीके हैं परन्तु प्राचीन समय से ही रत्नो को रंगों को पूर्ति का सीधा व सरल तरीका माना है।
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Red Colour | लाल रंग
यह अग्नि, ताकत एवं धैर्य का प्रतीक है और लड़ाई-झगड़ा या वाद-विवाद को दर्शाता है। लाल बत्ती के प्रयोग का अर्थ दुर्घटना से बचाना है।
लाल बत्ती में लाल पुलिस द्वारा ट्रेफिक में प्रयुक्त होता है। फायर ब्रिगेड, डाक गाड़ी, एम्बुलैन्स, इंजन आदि सभी इसी में होते हैं।
रेडक्रॉस का लाल संकेत होता है। भारत में व्यापारी बहीखाता भी लाल रखते हैं ताकि किसी प्रकार का नुकसान न हों।
लाल मुख्यतः ताकत प्रदान करता है। यह दुर्घटना से बचाव व खतरे के बारे में बताता है।
इसी कारण पूरे संसार में लाल की महत्ता अत्यधिक है तथा इसे दुर्घटना से बचाव, झगड़ा रोकना, आग बुझाना एवं
कानून व्यवस्था बनाए रखने व बुरी नजर से बचाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
यह सूर्य के द्वारा संचालित होता है। सूर्य राजा है। जिनका सूर्य तेज होता है वे उच्च पदाधिकारी आदि बनते हैं। बे साहसी, क्रियाशील तथा आशावादी होते हैं।
लाल की कमी के कारण शरीर में कई तरह की बीमारियाँ हो जाती हैं, जैसे मानसिक रोग, कम दिखना, ऐनेमिक, सिर दर्द आदि।
सर्दियों में लाल कपड़े शरीर को गर्म रखने में सहायक होते हैं। अस्पतालों में अधिकतर लाल कम्बल रोगी को इसलिए दिया जाता है ताकि मरीज जल्दी ठीक हो।
इसकी अधिकता भी नुकसानदायक है। आँखों की बीमारी, जलन, फोड़ा आदि हो जाते हैं तब ठण्डे रतन, चन्द्रकान्त मणि, नीलम, पुखराज आदि में से एक या दो पत्थरों के प्रयोग से रोगी ठीक हो जाते हैं।
Violet Color | बैंगनी रंग ( संचालक शनि )
यह रंग वायु तत्त्व है । यह व्यक्ति को मेहनती, सुरक्षात्मक, थैर्यपूर्वक कार्य करना, मितव्ययी, स्थिरता, आत्म-नियन्त्रण आदि प्रदान करता है।
यह ठण्डा भी होता है। अतः व्यक्ति भी ठण्डा करके कोई भी चीज खाना या ठण्डी वस्तुओं को पसन्द करता है। यह अध्यात्म के क्षेत्र तथा शोध के क्षेत्र में बढ़ावा देता है।
बैंगनी की कमी से हमारे शरीर में लकवा, बहरापन, साईटिक, जोड़ों का दर्द, पागलपन, मिरगी, उल्टी, सिरदर्द आदि हो जाते हैं । ल्यूकोड्रमा के निवारण के लिए बैंगनी का नीलम सहायक है।
बैंगनी वायु तत्त्व है और वायु का संचालक शनि। स्वाभाविक है, कि आंवागमन का मालिक भी शनि ( Saturn ) है। अत: सड़क दुर्घटनाएँ व मौत का जिम्मेदार बैंगनी अथवा शनि है।
Green Colour | हरा रंग ( संचालक बुध )
हरा रंग पृथ्वी तत्त्व से सम्बन्धित है। यह बसन्त ऋतु का प्रतीक है। धरती को नया जीवन प्रदान करता है।
जीने के नए आयाम तैयार करता है खुशियाँ, जिन्दादिली प्रदान करता है। निराशा में आशा लाता है। हरे से प्रभावित
जातक कुछ न कुछ नयापन चाहते हैं।
लापरवाह, अविश्वसनीय, मेहनती होते हैं । समय की ताक में रहते हैं। हरा मानसिक स्तर के बारे में बताता
है तथा दिमाग पर नियन्त्रण रखता है।
हरा ‘ आगे बढ़ो” का संकेत है। इसलिए ट्रैफिक में हरा “चलते रहो’ को दर्शाता है। हरे की कमी से शरीर में गैस, दस्त, पेप्टिक अल्सर, अस्थमा, हृदय रोग आदि हो जाते हैं। हरा बुद्धि, व्यापार चातुर्य को बढ़ावा देता है।
Sky Colour | आसमानी रंग ( संचालक गुरु )
यह आकाश रंग प्रेम, संगीत, धर्म, दया व शान्ति का प्रतीक है। इसका संचालक बृहस्पति वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है।
यह ठंडक का प्रतिनिधित्व करता है। यदि आपका बेडरूम आसमानी हो तो नींद गहरी व अच्छी आएगी। पागल व्यक्ति को नियन्त्रित करने के लिए आसमानी रंग की जरूरत होती है।
हिस्टीरिया से पीड़ित औरतों के निवारण के लिए आसमानी बहुत महत्त्वपूर्ण है। मिरगी के दौरे वाले मरीजों के लिए चिकित्सा में अति उपयोगी होती है।
गर्मियों में आसमानी कपड़े पहनने से शरीर में ज्यादा गर्मी नहीं बढ़ती। यह ग्लैण्ड्स, मोटापा, सिद्धान्तों पर नियन्त्रण रखता है।
चन्द्रकान्त मणि, टोपाज, पुखराज आदि शरीर के आसमानी रंग से संपर्क के सीधे व सरल तरीके हैं। इसकी कमी के कारण गले का रोग, टाइफाईड, हैजा, प्लेग, हिस्टीरिया, पीलिया, दस्त, दाँत का दर्द, टान्सिल्स आदि हो जाते हैं।
Yellow Colour | पीला रंग ( संचालक मंगल )
यह अग्नि का तत्त्व है तथा शरीर में गर्मी को बराबर बनाए रखता है। इसका रत्न मूँगा है और स्वामी मंगल है। यह विलक्षणता का प्रतीक है।
पीला वैज्ञानिक मानसिकता का द्योतक है। यह सम्पत्ति तथा सुखद वैवाहिक जीवन देता है।
मूँगा पहनने से व्यक्ति के अन्दर की हीनभावना समाप्त हो जाती है। प्रजनन के समय मूँगा पहनने से किसी प्रकार की बुरी नजर का डर नहीं रहता तथा प्रसव में कष्ट कम होता है।
यह व्यक्ति को साहसी, अभिलाषी बनाता है। पीले की कमी के कारण पेट में दर्द, किडनी में दर्द, पीलिया, रक्त-विकार, प्लूरीसी, निराशा आदि बीमारियाँ हो जाती हैं।
Orange Colour | नारंगी र॑ग ( संचालक चन्द्र )
यह जल तत्त्व विवाह के देवता का रंग है, इसीलिए शादी के समय भारत में केसरिया/ नारंगी रंग के कपड़े पहने जाते हैं।
यह उच्च अभिलाषा का प्रतीक है। इसका रत्न मोती है। यह प्रिज्मीय नारंगी है। चन्द्र जन्म से लेकर सात साल तक तो पूरी तरह मानव-शरीर पर नियन्त्रण रखता है। अत: बच्चे की हर क्रिया-कलाप में चन्द्र का हाथ होता है।
सूर्य मानव-शरीर में जान देता है तो चन्द्र मानव-शरीर में ऊर्जा संचारित करता है। मनुष्य को मीठा स्वभाव, धैर्यवान, सहनशील, बहस से दूर, दयालु बनाते हैं। जीवन में उतार-चढ़ाव भी देखने पड़ते हैं।
इसकी प्रकृति ठंडी होती है। अत: सीधा व सरल तरीका मोती पहनाने से गर्मी से पैदा हुए कष्ट निवारण में सहायक है, जैसे हृदय रोग आदि।
नारंगी की कमी से बुखार, कफ, खांसी, जुकाम, मानसिक विकृति, लीवर, पेशाब में गड़बड़ी, दस्त आदि हो जाते हैं।
ब्रोन्काइटिस (साँस उठना) गीला कफ, जुकाम, बुखार, गाल ब्लेडर स्टोन, किडनी, स्त्रियों के मासिक धर्म की गड़बड़ी में कष्ट निवारक माना गया है।
Blue Colour | नीला रंग (संचालक शुक्र )
यह जल तत्त्व इसका रत्न हीरा है। इसकी कमी के कारण गुप्तांगों में तकलीफ, नपुंसकता, मधुमेह, स्त्रियोचित रोग, चर्म रोग, प्रजनन अंगों में बीमारियाँ आदि हो जाती हैं।
यह व्यक्ति में संगीत व कला के प्रति रुचि पैदा करता है। यह शक्ति प्रदान करता है तथा जातक भी शान्ति की चाह अधिक रखता है।
इसकी अधिकता वाले मित्रवत्, समझौतावादी, सामाजिक होते हैं। इसकी अधिकता वाली वस्तुएँ सुन्दर होती हैं। आँखों को भली लगती हैं क्योंकि यह शुक्र नियन्त्रित है।
आपके जन्म माह और तिथि के अनुसार आपके लिए उपयुक्त रंग के वस्त्रो और रत्न ( Ratn ) / Gemstone जानने के लिये निम्नलिखित लिस्ट में से अपने जन्म माह का चुनाव करे।
जनवरी (January), फरवरी ( February), मार्च (March), अप्रेल (April), मई (May), जून (June ), जुलाई (July), अगस्त (August), सितम्बर (September), अक्टूबर (October ), नवंबर (November ), दिसंबर (December)
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